शितलनाथ जिनराज का,
कूट विद्युत वर जेह ।
मन वच तन कर पूजहूूँ,
शिखर सम्मेद यजेह ।।
ओं ह्रीं श्री शितलनाथ जिनेंद्रादी मुनी १८ कोड़ा कोड़ी ४२ करोड़ ३२ लाख ४२ हजार ९०५ मुनी इस कूट से सिद्ध भये तिनके चरणारबिंद को मेरा मन वचन काय से बारंबार नमस्कार हो ।